शेयर या शेयर बाजार क्या है | पूर्ण शुरुआत गाइड | आईपीओ, सेबी, सेंसेक्स, निफ्टी, बीएसई हिंदी में
शेयर या शेयर बाजार क्या है | पूर्ण शुरुआत गाइड | आईपीओ, सेबी, सेंसेक्स, निफ्टी, बीएसई हिंदी में
हेलो दोस्तों ,यह जानकारी उन सभी नए शुरुआती लोगों के लिए जो भारत में शेयर या शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं।
Ipo(Initial Public Offering), कैसे SEBI (Securities and Exchange Board of India) नियंत्रण स्टॉक एक्सचेंज है, जो भारत में सेंसेक्स और निफ्टी 50 दरें तय करते है।
उदहारण : यदि मेरी कमपनी है जो 50 लाख की है मेरे को उसको 1 करोड़ की बनानी है तोह मैं क्या करूँगा पैसा कहा से लाऊंगा यदि कोई रिस्तेदार भी देते है या कोई बैंक कर्ज देता है तोह ऐ हो सकता है परतु आप ऐ सोचे मैं इन जगह से पैसे ना लू और कही और से लू ऐ हो सकता है दोस्तों शेयर मार्किट मैं ऐसे ही चलता है पब्लिक कंपनी मैं पैसा रोकती है।
Ipo(Initial Public Offering) क्या होता है ?
अगर आपको आपकी कंपनी को स्टॉक मार्किट मैं लगाना है तो आप लगा सकते है हा दोस्तों आप अपनी कम्पनी को लिस्ट करने की प्रोसेस को आईपीओ कहा जाता है. मान लो 40 लाख की जरूरत है तो मैं क्या करुणंगा की मैं 4 हजार शेर मैं निकलूंगा 1-1 हजार के और उसको मैं शेयर मार्किट मैं लिस्ट करा दूंगा। ऐ शेयर से मेरे को 40 मिल जायेंगे ऐ पैसे से मेरे बिस्सनेस को आगे ले जा सकता हु। आगा मेरी कमपनी प्रॉफिट या लोस्स मैं आती है तोह शेयर मैं उतार चढ़ाव आ सकता है।
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SEBI (Securities and Exchange Board of India) क्या होता है?
दोस्तों
एक एक्ट आया था 1992 जिसमे टेलीकॉम अथॉरिटी है जिसका मैनेज "TRAI" करती है ऐ ही स्टॉक की निगरानी "SEBI" करती है। ऐसे भी किसी कम्पनी को "SEBI" इजाजत नै देती। sebi मैं लिस्ट होने के लिए "Red Herring Prospectus" डॉक्यूमेंट तैयार करके सेबी मैं रजिस्टर करना पड़ता है। आपको लगता होगा के "RHP" है क्या इसके अंडर पता चलता है की कम्पनी की कुंडली होती है इसमें सबकुछ लिखना पड़ता है कम्पनी कैसे बानी ,फाउंडर, सीईओ, और ऐसी साडी जानकारी होती है। Sebi ऐ साडी चीज़े वेरीफाई करेगी बाद मैं इसका अप्प्रोवेल आएगा अप्रूवल लेने मैं 1 महीने से 1 साल तक भी लग सकता है। अब हमारीकम्पनी जाएगी स्टॉक एक्सचैंजेस मैं।
एक एक्ट आया था 1992 जिसमे टेलीकॉम अथॉरिटी है जिसका मैनेज "TRAI" करती है ऐ ही स्टॉक की निगरानी "SEBI" करती है। ऐसे भी किसी कम्पनी को "SEBI" इजाजत नै देती। sebi मैं लिस्ट होने के लिए "Red Herring Prospectus" डॉक्यूमेंट तैयार करके सेबी मैं रजिस्टर करना पड़ता है। आपको लगता होगा के "RHP" है क्या इसके अंडर पता चलता है की कम्पनी की कुंडली होती है इसमें सबकुछ लिखना पड़ता है कम्पनी कैसे बानी ,फाउंडर, सीईओ, और ऐसी साडी जानकारी होती है। Sebi ऐ साडी चीज़े वेरीफाई करेगी बाद मैं इसका अप्प्रोवेल आएगा अप्रूवल लेने मैं 1 महीने से 1 साल तक भी लग सकता है। अब हमारीकम्पनी जाएगी स्टॉक एक्सचैंजेस मैं।
Stock exchanges क्या होता है ?
दोस्तों अब आपकी कम्पनी इसमें लिस्ट हो गयी है तोह लोग शेयर ख़रीदेंगे बेचे गे ऐ सब काम "Stock exchanges" मैं होता है स्टॉक हम इंटरमीडिएटर भी कह सकते है।
इंडिया मैं दो exchange है।
1 . "BSE"(Bombay Stock Exchange) और
2 . "NSE" (National Stock Exchange).
दोस्तों अब आपकी कम्पनी इसमें लिस्ट हो गयी है तोह लोग शेयर ख़रीदेंगे बेचे गे ऐ सब काम "Stock exchanges" मैं होता है स्टॉक हम इंटरमीडिएटर भी कह सकते है।
इंडिया मैं दो exchange है।
1 . "BSE"(Bombay Stock Exchange) और
2 . "NSE" (National Stock Exchange).
1 . "BSE"(Bombay Stock Exchange)
"BSE" है उसमे 5000 कम्पनी लिस्टेड है. SENSEX है ऐ इंडेक्स है जैसे आपकी बुक की इंडेक्स होती है इसमें सब कुछ दर्शाया होता है। "BSE" मैं 30 कम्पनी को जोड़ दिया है जैसे एजुकेशन सेक्टर, केमिकल सेक्टोर, ऐसे 30 कम्पनी है और इसमें मार्किट मैं उतार चढ़ाव आता है ऐ 30 कम्पनी की एवरेज निकलकर इसको sensex की वैल्यू मैं दिखते है कल और आज की वैल्यू मैं क्या डिफ़्फेरन्स है। sensex को देख कर पता लगता है के आज मार्किट डाउन है या अप है।
"BSE" है उसमे 5000 कम्पनी लिस्टेड है. SENSEX है ऐ इंडेक्स है जैसे आपकी बुक की इंडेक्स होती है इसमें सब कुछ दर्शाया होता है। "BSE" मैं 30 कम्पनी को जोड़ दिया है जैसे एजुकेशन सेक्टर, केमिकल सेक्टोर, ऐसे 30 कम्पनी है और इसमें मार्किट मैं उतार चढ़ाव आता है ऐ 30 कम्पनी की एवरेज निकलकर इसको sensex की वैल्यू मैं दिखते है कल और आज की वैल्यू मैं क्या डिफ़्फेरन्स है। sensex को देख कर पता लगता है के आज मार्किट डाउन है या अप है।
2 . "NSE" (National Stock Exchange)
शेयर की वैल्यू और भाव भढ़ते और कम कैसे होते है ?
आप कभी सोचते होंगे की ऐ शेयर की वैल्यू भढ़ती और कम कैसे होती है। ऐ नक्की होता है डिमांड एंड सप्लाई के रूल पर आणि की मार्किट मैं कोई कोई चीज़ डिमांड कम है और सप्लाई ज्यादा तो शेयर निचे जाते है और डिमांड ज्यादा और सप्लाई भी ज्यादा होगी तोह अप जायेगा शेयर। अगर कम्पनी प्रॉफिट करती है तोह भी शेयर मैं चढाव आता है।
आप कभी सोचते होंगे की ऐ शेयर की वैल्यू भढ़ती और कम कैसे होती है। ऐ नक्की होता है डिमांड एंड सप्लाई के रूल पर आणि की मार्किट मैं कोई कोई चीज़ डिमांड कम है और सप्लाई ज्यादा तो शेयर निचे जाते है और डिमांड ज्यादा और सप्लाई भी ज्यादा होगी तोह अप जायेगा शेयर। अगर कम्पनी प्रॉफिट करती है तोह भी शेयर मैं चढाव आता है।
Note : दोस्तों ऐ मार्किट सट्टे जैसा है तोह मैं आपको ऐ सलाह दूंगा की आप को इन्वेस्ट करना है तोह आप म्यूच्यूअल फण्ड मैं भी कर सकते हो वो ज्यादा सिक्योर रहेगा।आप मैं म्यूच्यूअल फण्ड के लिए भी जानकारी प्रोवाइड करूँगा।
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शेयर या शेयर बाजार क्या है | पूर्ण शुरुआत गाइड | आईपीओ, सेबी, सेंसेक्स, निफ्टी, बीएसई हिंदी में
Reviewed by gk_plus_knowledge
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08 May
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